(Article) घर की हंडिया रूठी है नदी हमारी सूखी है

घर की हंडिया रूठी है नदी हमारी सूखी है

सिंघश्रोत नदी में श्रमदान करने वाले परिवंरो में भूख मरी आगयी है . श्रमदानियो के बच्चो ने विशेषकर किसोरिन्यो ने ६ मार्च २०११ को बरगढ़ बाजार में नारे लगाये सभा की तथा अपने माता पिता के लिए चंदा माँगा और नदी के कामो को नरेगा से जोड़ने की मांग की . प्रमुख रूप से सभा को संबोधित करने वाली सुशीला सुनीता ने कहा क़ि हमलोग अपने माता पिता के साथ नदी में पानी २१ फरवरी से खोज रहे है हम लोग बहुत खुसी है क्यों की नदी में पानी दिखने लगा है . गाँवो में पशुन्वो के लिए पानी नहीं है फसल सुख गयी है . हम लोगो के माता पिता कोटे से गल्ला लेते है तब १५ दिन का भोजन मिलाता है इसके बाद माँगा गल्ला खरीदते है.

हम लोगो के घर के सभी लोग नदी में काम कर रहे है मजदूरी करने नही जा रहे है . २५ फरवरी को प्रधान जी नदी में आये थे उन्होंने काम ठीक बताया था कहा था. की हम मजदूरी नरेगा से दिलान्येगे यह बात चाचा रामबदन ने बताई थी लेकिन अभी तक नदी के कामो को नरेगा से नहीं जोड़ा गया. न मजदूरी दी गयी. हमारे गाँवो में कोटा का अनाज कल आने वाला है . माता पिता के पास पैसा नहीं है . घर में खाना कान्हा से आयगा हम सभी परेसान है.

हमारे माता पिता समाज का काम कर रहे है सभी को पानी मिले इसके काम में लगे है यही सरकार का काम है तब अधिकारी लोग नदी सफाई के काम को क्यों नहीं करा रहे . हमारी नदी को किसने सुखाया . सरकार ने ही सुखाया क्यों की २ सालो के अन्दर घटेहा सेमरा मोहना नदी के किनारे हमारी सिंघश्रोत नदी के किनारे -किनारे जामुन गुलर के बहुत पेड़ थे जिसे बाहरी लोगो ने कटा दिए सरकारी लोग मदद में थे यह बात हमारे गाँव क्र लोग बताते है तभी से नदी सुख गयी . जो लोग हमारी नदी को मार रहे वह नहीं चाहते है क़ि हमारी नदी जीवित हो .हमें बर्बाद देखना चाहते है.

४० -५० किसो रिन्यो ने बाजार से अपने माता पिता के लिए घर में भोजन स्राम्दानियो के लिए फावड़ा गुड का दान माँगा . बाजार ने लड्किन्यो के दर्द को समझा और ६०० रुपये चंदा के रूप में इक्कठा किये. अंत में किसोरोंयो ने कहा की नदी के काम को नरेगा से यदि नहीं जोड़ा गया और माता पिता की मजदूरी नहीं दी गयी तो हम लोग जिलाधिकारी घेराव करेंगे . अंत में गीत गया की घर की हंडिया रूठी है नदी हमारी सूखी है.

अभिमन्यु
बुंदेलखंड शांति सेना