(Article) प्राकृतिक संसाधनों को बचाने एवं केन बेतवा गठजोड़ के विरोध में जन आन्दोलन

प्राकृतिक संसाधनों को बचाने एवं केन बेतवा गठजोड़ के विरोध में जन आन्दोलन

  • विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून 2010 में पहल।
  • पानी की कमी और गिरते भूगर्भ जलस्तर से तबाह बुन्देलखण्ड में असरकारी मुहिम।
  • प्लीज काल मी (मा0 प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह) पी0एम0ओ0 कार्यालय।

विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून 2010 के दिन से पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेकर बुन्देलखण्ड मंे प्रस्तावित केन बेतवा नदी गठजोड़ परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव से बचाने का जन आन्दोलन चित्रकूट धाम मण्डल बांदा से प्रारम्भ होगा।

पानी को बचाने की अगुवाई मंे शामिल प्रवास सोसाइटी एवं बुन्देलखण्ड के अन्य सामाजिक संगठन जो गिरते हुए जलस्तर, घटते हुए जंगल, बढ़ते हुए तापमान को लेकर बुन्देलखण्ड की वीभत्स तस्वीर से अत्यधिक चिन्ता में है। कल से एक जन मंच मंे आकर खड़े हो चुके हों। प्रवास के निदेषक आषीष सागर ने बताया कि परियोजनाओं का लागू होना विकास का सूचक है, विनाष का नहीं। प्रयोगषालायें हमेषा उन्ही यथावत स्थानों और जमीनांे में शुरू की जाती हैं जहां उनके मुताबिक अनुकूल वातावरण हो। लेकिन पानी को बंधक बनाने की साजिष मंे शामिल केन बेतवा गठजोड़ नदी परियोजना एक ऐसे बदहाल हो चुकी बंजर जमीन में लागू करने की केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार का षड्यन्त्र है। जिसकी भरपाई यकीनन बुन्देलखण्ड की आने वाली भावी पीढ़ियां करंेगी।

गौरतलब है कि 05 जून 2010 को विष्व पर्यावरण दिवस पूरे विष्व के साथ भारत में भी मनाया जायेगा। वहीं इसकी अनोखी शुरूआत बुन्देलखण्ड मंे एक जन सहभागी आन्दोलन के साथ हस्ताक्षर अभियान एवं पोस्ट कार्ड में लिखे गये जन सन्देष जो कि देष के प्रधानमंत्री महोदय को संबोधित होगा में अपनी भावनाओं व व्यवहारिक परिस्थितियों को प्रेषित करेंगे।

केन बेतवा गठजोड़ धरती में गहराते जल संकट एवं अव्यवहारिक नीतियों परियोजनाओं का लागू होना है। जो पर्यावरण का विनाषक रहीं हैं। अब तक की पर्यावरण विनाषक परियोजनाओं की भारी भरकम राषियां क्या माकूल परिणाम दे सकती हैं। यह एक प्रष्न है उन तमाम बुन्देलखण्ड के आम जनमानस की ओर से जो नित प्रति आकाल और भुखमरी से खुदकुषी की कब्रगाह में सुरताल कर रहे हैं। कार्यक्रम की शुरूआत एक बैनर के ऊपर सामूहिक हस्ताक्षरों के साथ होगी। इसके अतिरिक्त प्लीज काॅल मी के प्रथम चरण में डाॅ0 मनमोहन सिंह पी0एम0ओ0 आफिस नई दिल्ली के दूरभाष नम्बर पर आम जनता फोन के द्वारा एवं फैक्स के जरिये अपना अपना मन्तव्य, जनमत दर्ज करेगी। प्रत्येक माह की 05 तारीख को यह जन सहभागी आन्दोलन बुन्देलखण्ड के सभी जनपदों, ग्राम स्तर मंे एक सोषल नेटवर्किंग रणनीति के तहत चलाया जायेगा। 7600 करोड़ रूपये की पानी को व्यापार बनाने वाली यह परियोजना सर्वाधिक जल संकट से जूझ रहे बुन्देलखण्ड में रहे सहे पानी और जलतंत्र की हिफाजत के बजाय उनका विनाष कर इस परियोजना के दायरे में बसने वाले सैकड़ों गावांे, बहुतायत जीव जन्तुओं, हजारों वर्ग किलोमीटर के वन, उपजाऊ भूमि का विनाष करने वाली साबित होगी।

प्रवास संगठन इस परियोजना के उन पक्षों का विरोध है जो कि बुन्देलखण्ड मंे प्रकृति और पर्यावरण के साथ मानवीय बलात्कार के जिम्मेवार हैं। बांदा सहित चित्रकूट धाम मण्डल के चारों जनपदों चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर एवं बांदा का भूगर्भ जलस्तर तेजी से रषातल में जा रहा है। शहर के हजारों हैण्डपम्प, नलकूप, गांवो के सैकड़ों तालाब, पोखर घटते हुए जलस्तर से बजंर जमीन के मूक गवाह बन चुके हैं। बुन्देलखण्ड की अन्य स्वयं सेवी संस्थायें जिनमें प्रमुख रूप से बुन्देलखण्ड भविष्य परिषद, ग्राम उन्मेष संस्थान, मानवोदय संस्थान इस सामुदायिक हितकारी जन आन्दोलन के समर्थन में प्रवास के साथ-साथ अपनी उपस्थिति से इसे सार्थक एवं निर्णायक परिणाम तक ले जाने में आत्म समर्पित होंगी।

आषीष सागर, प्रवास, बुन्देलखण्ड

Comments

मित्रो आज जहा सारा विश्व और पूरी दुनिया के लोगो को अपनी अपनी ज़मीनों के बढ़ते हुए तापमान की चिंता है वो भी इस लीये की एक बार फिर विश्व पर्यावरण दिवस में हम कोपेनहेगन की तरह करोडो रुपयों की क़ुरबानी आयर सेमिनारो,वर्क शॉप के ऊपर भारी भरकम ध्न्रासी बर्बाद करे, आकिह्र क्या जब तक एक से प्रत्तेक तक लोगो की सामूहिक जिम्मेवारी नही निर्धारित होती है तब तक सिर्फ हल्ला मचने से कुछ नहीं होगा, ऐसे ही हालतों में हमने आज से बुंदेलखंड को पानी के भरी संकटोसे बाचने के के लीये केन - बेतवा लिंक को रोकने की जन सहभागी आन्दोलन की सुरुवात कर चुके है क्योकि ये डील पुरे बुंदेलखंड की वन सम्पदा , नदियों की टूटन, पानी को रोकने का कारण बनेगी उस पार भी ये 7615 करोड़ की एक सरकारी आयर विदेसी डील है आपका इस जन हितकारी आन्दोलन में संमर्थन चाहिए है .....