बाबूलाल जैन ‘सुधेश’ : बुंदेली कवि, सेवानिवृत्त शिक्षक (Bundeli Writer-Poet, Babulal Jain)

बाबूलाल जैन सुधेश’ (बुंदेली कवि, सेवानिवृत्त शिक्षक)

एक संक्षिप्त परिचय :

baboo lal jain.JPGBaboo Lal Jain

श्री बाबूलाल जैन सुधेशका एक विचारक, चिंतक, लेखक व कवि हैं। आपका जन्म टीकमगढ़ जिले के मबई ग्राम 28 जून 1934 (ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा सं. 1991)  को हुआ था। आपने सागर विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिंदी) की उपाधि प्राप्त की।

आप टीकमगढ़ जिले के अनेक विद्यालयों मबई, अहार, दिगौड़ा, नुना-महेवा, खरगापुर,मालपीथा, लिधौरा आदि में शिक्षण का कार्य करते हुये दिगौड़ा से 1993 में सेवानिवृत्त हुये।

आप बचपन से ही लेखनकार्य में व्यस्त रहे। आपका एक कविता संग्रह स्वतंत्र रचनावली (पं. देवीदास जैन शोध एवं अध्ययन केंद्र, दिगौड़ा) से 2004 में प्रकाशित है। आपने पत्र पत्रिकाओं में कविताओं के साथ साथ अहार का इतिहास तथा जैत माता पर लेख भी लिखे। वर्तमान में आप जैन धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में संलग्न रहते हुये आप बुंदेलखण्ड क्षेत्र के ग्राम दिगौड़ा-टीकमगढ़ (म.प्र.) में रह रहे हैं।

सम्पर्क सूत्र : श्री बाबूलाल जैन (शिक्षक) ग्राम व पो. दिग़ौड़ा

जिला – टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) 472339

फोन : 08827092112