( समाचार ) वरिष्ठ सर्वोदय साधक लोकेन्द्र भाई नहीं रहे

कल दिनांक २१ अप्रैल २००९ को दिन ३ बजे बुंदेलखंड के शीर्षस्थ सर्वोदय सेवक तथा उत्तर प्रदेश सर्वोदय संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री लोकेन्द्र भाई का ८५ वर्ष ४ माह की अवस्था में हृदयाघात के कारण अचानक निधन हो गया . कल सुबह वह अच्छे भले अपने गाँव बिजना से झाँसी के लिए रवाना हुए पर राह में ही बेचैनी महसूस होने के कारण बस से बरुआसागर कस्बे में ही उतर गए . वहा अपने मित्र के यहाँ रुके , उनकी तवियत बिगड़ती ही गयी . ११ बजे तक उनके कई मित्र तथा एक मात्र पौत्र वहां पहुच गए तथा उन्हें झाँसी अस्पताल ले जाया गया पर वह बचाए नहीं जा सके . बुंदेलखंड के सबसे बुजुर्ग समाजसेवी तथा संघर्षशील विचारक का अंत हो गया.
बिजना रियासत के एक प्रतिभावान राजपुरुष जिन्होंने महात्मा गांधी तथा विनोबा भावे से प्रभावित होकर स्वैच्छिक गरीबी धारण कर ली थी तथा सर्वोदय विचार से अपने जीवन को निबद्ध कर लोकसेवा के कठिन व्रत को धारण कर लिया था , जो बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में ही नहीं वरन पूरे देश के संकल्पवान , loksZn;&साधको में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्त्ता थे तथा जिन्होंने कभी अपने परिवार, पद तथा राजघराने आदि का दंभ न कर हमेशा पैदल तथा सार्वजनिक साधनों का ही उपयोग कर , मित्रो तथा संस्थावों की मदद से बुंदेलखंड की पानी की समस्या के निवारण हेतु अनेक तालाबो तथा जल संग्रहों को नया जीवन दिया तथा पूरे क्षेत्र में लोकसत्ता की अलख जगाते रहे .
एक ओर जहाँ उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल ने उन्हें अपना अध्यक्ष बनाया वहीँ सिंधिया कालेज जहाँ उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई थी , ने उन्हें समारोह के दौरान सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया. प्रकृति के अनन्य उपासक होने के साथ वह जीव जन्तुओ से बेहद प्यार करते थे . नेवले तो उनकी गोद में हमेशा ही खेलते थे तथा हर यात्रा में उनके साथ रहते थे.

श्री लोकेन्द्र भाई के निधन से सर्वोदय साधको की पुरानी पीढी के एक कर्मठ कार्यकर्ता का अंत हुवा वहीँ बुंदेलखंड के युवा साथियों के लिए एक बड़े प्रभावी पथ-प्रदर्शक तथा शिक्षित वर्ग के लिए प्रेरणा देने वाला एक श्रोत भी तिरोहित हो गया .

ईश्वर पूज्य लोकेन्द्र भाई की निश्छल आत्मा को पूर्ण शांति प्रदान करे तथा हम सबको उनके अधूरे कार्य पूरे करने की क्षमता प्रदान करे.

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भारतेन्दु प्रकाष (Bhartendu Prakash)
बुन्देलखण्ड संसाधन अध्ययन केन्द्र (Bundelkhand Sansadhan Adhyayan Kendra)
छतरपुर म.प्र.
२२ अप्रैल २००९