बुंदेली साहित्य सम्मलेन (Bundeli Sahitya Sammelan) 2016, ओरछा में सम्पन्न


बुंदेली साहित्य सम्मलेन २०१६, ओरछा में सम्पन्न


समाचार प्रकाषनार्थ- ‘बुन्देली साहित्य सम्मेलन ओरछा-2016’ में साहित्यिक पाण्डुलिपियों को मिला प्रकाषन पुरस्कार

भोपाल 13 जनवरी अखिल भारतीय बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद् के तत्वावधान में दो दिवसीय‘बुन्देली साहित्य सम्मेलन ओरछा-2016’में साहित्यिक पाण्डुलिपियों को पहली बार 51 हजार रुपयों के शान्तिदेवी जैन प्रकाषन पुरस्कार संस्था के राष्ट्ीय अध्यक्ष श्री कैलाष मड़बैया द्वारा घोषित किये गये।मुख्य अतिथि श्री प्रदीप आदित्य पूर्व केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार,ओरछेष मधुकरषाह नई दिल्ली, श्री ओम रिछारिया पूर्व मंत्री उ.प्र.एवं उपन्यास सम्राट डाॅ.वृन्दावन लाल वर्मा के पुत्र रमाकान्त वर्मा द्वारा वीरसिंह देव पुरस्कार भी डाॅ दुर्गेष दीक्षित और प्रो.एल.एल.खरे को प्रदत्त किया गया। सम्मेलन में लगभग एक सौ से अधिक साहित्यकारों ने 6 सत्राे में बुन्देली में नाटक/एकांकी, निबंध,कथा,काव्य अदि विषयों पर अपने शोध आलेख प्रस्तुत किये। अधिकाॅष का वाचन स्वंय लेखकों द्वारा ही किया गया। बुंदेली के मानकीकरण का प्रथक से एक सत्र आयोजित किया गया था जिसमें प्रथक प्रथक आॅचलिक बोलियों के शब्दों पर भाषाविदों द्वारा विमर्ष किया गया। राष्ट्ीय बुन्देली कवियों मे 65 कवियों ने भागीदारी की।प्रमुख कवियों में अध्य़क्ष डाॅ.कैलाष मड़बैया भोपाल,देवदत्त छतरपुर , संतोष पटैरिया खजुराहो,राम स्वरुप सेंवढ़ा,रजनीष ओरछा,दुर्गेष कुण्डेष्वर,रामकुमार एवं नरेन्द्र अरजिरया दमोह आदि आदिउल्लेखनीय हैं।बुन्देली कार्यषाला में हैदाराबाद विष्वविद्यालय के शोथार्थी श्री दीपक बरखेड़े, सागर विष्वविद्यालय के राम कुमार और जीवाजी आदि विष्वविद्यालयों आदि के षोधाथिर्यों ने भी सक्रिय भागीदारी की। समारोह के अन्तिम सत्र में बुन्देली नाटक पृथ्वीपुर के वरिष्ठ रंगकर्मियों द्वारा ऐतिहासिक संदर्भो में श्री उमाषंकर खरे उमेष के निर्देषन में मंचित किया गया जिसकी सर्व़त्र सराहना की गई। इस अवसर पर अभिनन्दन गोइल टीकमगढ़ की कथा कृति ‘पीर घनेरी’,पं.गिरिमोहन गुरु होषंगाबाद की काव्य कृति ‘अपनौ मध्य प्रदेष’ के साथ बुन्देली कलेण्डर-2016 का लोकार्पण भी भव्य समारोह में मुख्य अतिथियों द्वारा सम्पन्न किया गया। बंुदेलखण्ड वंदना मीनू तिवारी,रामकिसन सेन,जगदीष रावत भोपाल द्वारा की गई। ओजस्वी एवं सविस्तार स्वागत भाषण राष्ट्ीय अध्यक्ष कैलाष मड़बैया ़द्वारा दिया गया।विविध सत्रों की अध्यक्षता क्रमषःडाॅं.कामिनी दतिया,मुकुन्द गोस्वामी चरखारी,कैलाष मड़बैया भोपाल,गोकुल सरोज ललितपुर,उमेष खरे टीकमगढ़,बाबूलाल तिवारी झाॅंसी आदि द्वारा की गई। आभार प्रदर्षन राजा मधुकरषाह द्वारा किया गया।1857 के षहीद राजा बानपुर के वंषज गोविन्दसिंह एवं वृन्दावनलाल वर्मा के पौत्र रमाकान्त वर्मा को भी सम्मानित किया गया।

संयोजक- जे.पी.रावत