(News) Bundelkhand Farmer Suicide Case

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किसानो से कर्ज वसूली को सुप्रीम कोर्ट का आदेश

बुंदेलखंड के किसानो का लगातार कर्ज के कारण आत्महत्या करना अब एक पुरानी बात है विदर्भ कि तरह l किसान परिवार  अपने साथ कर्ज का दंश अपने बच्चो को विरासत में दे रहे है l बैंको ने जब उत्पीडन के चलते किसान परिवार को कर्ज वसूली के नोटिस जारी करना प्रारंभ किया तो ये बड़ा मुद्दा बनकर मीडिया में भी उछला l इसी बीच ये किसान आत्महत्या का बढ़ता हुआ आंकड़ा बुंदेलखंड के सात जिलो बाँदा,चित्रकूट,महोबा, हमीरपुर , जालोन, झाँसी , ललितपुर में अब तक 30269 हो चुका है l उनसे कर्ज की रिकवरी / वसूली के लिए उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश ,इलाहाबाद ने वकालत का अध्ययन कर रहे छात्रो कि जनहित याचिका संख्या पर सुनवाई करते हुए याचिका संख्या – 34465  / 2011में किसानो से कर्ज वसूली पर रोक लगा दी थी  l लेकिन भारतीय स्टेट बैंक ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए चुनोती दी कि बुंदेलखंड में हर किसान वास्तव में कर्जदार तो है मगर चुकाने कि स्थिति में भी है ! जिस पर सरकारी दलील को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद के स्टे को हटा दिया है और किसानो से कर्ज वसूली के आदेश दे दिए है l बीते  23 नवम्बर 2013 को बाँदा मे एक मेगा लोक अदालत का आयोजन किया गया था l  जिसमे भारतीय स्टेट बैंक की सभी शाखाओ से कर्जदार किसान परिवार को भेजी गई नोटिस ( कर्ज वसूली ) पर सुनवाई की गई है l उच्च न्यायालय इलाहाबाद के प्रशासनिक न्यायधीश राकेश श्रीवास्तव और बाँदा के जिला अधिकारी भूपेंद्र एस. चोधरी / अन्य उपस्थित अधिकारियो ने मृतक किसान परिवार कर्ज माफ़ी प्रार्थना पत्र को भी लेने से इनकार कर दिया l उन्होंने कहा कि आपको पहले 21 % कर्ज कि अदायगी करनी होगी तभी आपको लिए गए कुल कर्ज के मूलधन में रियायत मिलेगी l उल्लेखनीय है कि इस लोक अदलत में कुछ एक ऐसे किसान आत्महत्या वाले परिवार भी है जो कर्ज चुकाने कि हालत में नही है l  उनके किसान क्रेडिट कार्ड पर  लिए गए कर्ज 406705.00 लाख रूपये का चक्र वृधि ब्याज अब 422830.00 रूपये हो गया है यानि अब किसान परिवार को कुल 829535.00 लाख रूपये रिकवरी का नोटिस मिला है, कुछ एक किसान परिवार ऐसे भी है मसलन बाँदा जिले के ग्राम बघेलाबारी का मृतक किसान सुरेश यादव जिनके अब तीन नाबालिक बच्चे अनाथ हो चुके है l जिन बच्चो के पास खुद के निवाले का आटा नही हो वे भला लिया गया 30,000 रुपया कैसे अदा कर सकते है ? उस पर साहूकारों का कर्ज अलग है l

बुंदेलखंड में वर्ष 1887 से 2009 तक 17 सूखे की मार पड़ चुकी है l यहाँ के सात जिलो में 1441 वर्ग किलोमीटर ज़मीन खनन के चलते परती / बंजर है l महोबा जिले के एक – दो ग्राम ऐसे भी है जहाँ के लम्बरदार किसान आज इन्ही पहाड़ की खदान में पत्थर तोड़ने का काम करते है l इन हलातो में यहाँ के कर्जदार किसान परिवार पर ये क़ानूनी गाज किसी म्रत्यु शैया से कम नही है l हो सकता है कि किसान के बचे हुए लोग भी उन्ही राह पर चले जिनमे कर्ज लिए हुए किसान खुदकुशी के फंदों पर झूल गए है l –

By : आशीष सागर दीक्षित