सरोवर से सरोकार


सरोवर से सरोकार


बुंदेलखंड के पन्ना जिले के कलेक्टर के पास छोटे छोटे बच्चे अपनी गुल्लक की जमा पूंजी , तो कोई बच्चा अपने जन्म दिन पर मिली उपहार की राशि लेकर पहुंचे । इन बच्चों ने जब उन्हें यह बताया की वे यह राशि नगर के धर्म सागर तालाब की खुदाई के लिए देने आये हैं तो बरबस ही कलेक्टर की आँखें भी नम हो गई । पिछले एक माह से पन्ना नगर के प्रमुख धर्म सागर तालाब की खुदाई का काम चल रहा है । तालाब की इस खुदाई में यहां की जनता और प्रशासन कंधे से कन्धा मिलाकर अभियान में जुटे हैं । क्या मालिक ,क्या मजदूर ,क्या धर्म क्या जाति , हर कोई तन मन और धन से जल की जंग में जुटा है ।पन्ना के ही बुजुर्ग बताते हैं कि पन्ना में ऐसा अभियान वर्षो पहले तब देखने को मिला था जब पन्ना को जिला बनवाना था । इस सब के बीच कुछ ऐसे भी राज तत्व हैं जिन्हे यह अभियान रास नहीं आ रहा है ।

जनवरी और फरवरी माह में यहां के लोगों ने धर्म सागर तालाब और इससे जुड़े 56 कुओं की दशा देख कर जल संकट का अनुमान लगा लिया था ।पन्ना का कभी ना सूखने वाला धर्म सागर तालाब जब सूखने लगा तब प्रशासन को भी आने वाले खतरे का अहसास हुआ । पन्ना कलेक्टर शिव नारायण सिंह चौहान स्वयं तालाब देखने पहुंचे उन्होंने तालाब और उससे जुडी जल सुरंगों को समझा । तब तय हुआ की तालाब का जल श्रोत बेहतर हो जाये , और तालाब में पर्याप्त जल भराव हो जाए इसके लिए प्रयास किये जाए । ताकि पन्ना नगर को फिर कभी जल अभाव का सामना ना करना पड़े । इसके लिए जरुरत थी धन और श्रम के साथ लोगों के मन की । पन्ना के केंद्रीय विद्यालय में तीसरी क्लास की छात्रा मिनिषा दुबे ने जन्म दिन पर उपहार में मिले 1111 रु तालाब के लिए कलेक्टर को दे दिए , इसी तरह दर्जन भर बच्चों ने अपनी गुल्लक में जमा राशि इस पुनीत कार्य के लिए दे दी । नगर के किन्नर गुरु हमीदा ने 1o हजार रु देकर,नगर के कटरा मोहल्ला की चंद्रा रानी ने अपनी वृद्धावस्था पेंशन 500 रु कलेक्टर को सौंप कर समाज को अपने सामाजिक सरोकारों का अहसास कराया । इस तरह अब तक लगभग ३२ लाख रु की राशि जन सहयोग से जुड़ गई ।

तालाब के लिए जन अभियान :

पन्ना के सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों को जब पता लगा की सरकार ने धर्म सागर और लोक पाल सागर के काया कल्प के लिए तीन करोड़ 31 लाख की स्वीकृति दी है । इसके लिए बाकायदा टेन्डर भी लगे और ठेकेदारों ने टेंडर भी डाले । टेंडर स्वीकृति के बाद , उसकी सूचना भी ठेकेदार को दी गई , पर स्वीकृति के अंतिम चरण में थी तभी एन मौके पर टेंडर निरस्त करवा दिया गया । यह किसी और ने नहीं बल्कि पन्ना के ही सत्ताधारी राजनैतिक रसूख वाले व्यक्तित्व के प्रयासों से हुआ । दरअसल उन्हें इस बात की जानकारी लग गई थी की यह टेंडर जिस कम्पनी को मिला है उसे उनके कथित राजनैतिक विरोधी का संरक्षण है । सियासत की इस जंग में पन्ना को इस तरह एक बड़ा नुक्शान अपनों के ही कारण हुआ ।

इसकी भनक जब पन्ना की जुझारू जनता को लगी तो लोगों ने नगर के जीवन दाई धर्म सागर तालाब को नया जीवन देने का प्रण लिया और यहां के कलेक्टर ने उसमे सहयोग दिया । जिसकी जनता और मीडिया में जम कर प्रशंसा हो रही है । अब उन्हें यह बात भी उन्हें नागवार गुजर रही है की इसका श्रेय उन्हें नहीं बल्कि कलेक्टर को मिल रहा है । अब कौन उन्हें समझाए की विकाश में अवरोध पैदा करने वालो को जनता और उनकी विरादरी के लोग लम्बे समय तक बर्दास्त नहीं करते । 

धर्म सागर तालाब

17 वी सदी में सभा सिंह तत्कालीन राजा ने पन्ना नगर के मदार टुंगा पहाड़ी की तलहटी में विशाल तालाब का निर्माण 1745 में धर्म कुंड से शुरू कराया । कुंड के प्रति लोगों की आस्था को देखते हुए यहां शिव मंदिर का भी निर्माण किया गया । 1752 में जब यह तालाब पूर्ण हुआ तो लोगों ने इसे धर्म सागर नाम दे दिया । 75 एकड़ में फैले इस तालाब निर्माण के दौरान 56 जल सुरंगे बनाई गई थी ,और सुरंगों को नगर के कुओं पार्क और महल के तालाब से जोड़ा गया था । धर्म सागर तालाब से नगर के कुओं तक जल सुरंगों का जोड़ना अपने आप  में एक अनोखा प्रयोग था । 9 किमी जल अधिग्रहण क्षेत्र क्षेत्र वाले इस तालाब का निर्माण इस तरह से किया गया है की इसमें किसी भी तरह से शहर की गन्दी नालियों को नहीं जोड़ा जा सकता है । इस तालाब का जब निर्माण हुआ था उस समय पत्थरों पर बसे इस नगर के लोगों को भयानक जल संकट का सामना करना पड़ रहा था , अब जब इसका जीर्णोद्धार भी ऐसे समय हो रहा है जब नगर के लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं ।

तालाब के जीर्णोद्धार के बाद यहां वर्षो तक के लिए लोगों को सूखा से संघर्ष का बल मिलेगा । इस बात की भी जरुरत समझी जाने लगी हैं की नगर के अन्य तालाबों का भी जीर्णोद्धार हो और अतिक्रमण कारियों से नगर के तालाबों को मुक्त कराया जाए ।

By: रवींद्र व्यास